ट्रेन का टिकट कैंसलेशन से जुड़े अहम चार्जेज और नियम

देश में कोरोनावायरस के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए रेलवे ने कई तरह के कदम उठाए हैं। इसी कड़ी में सेंट्रल रेलवे ने कई ट्रेनों को रद्द कर दिया है, 250 स्टेशनों पर प्लेटफॉर्म टिकट का दाम बढ़ाकर 10 रुपये से 50 रुपये कर दिया है। इसके अलावा ट्रेन के एसी कोच से कंबलों को हटा दिया गया है। इसी बीच Corona के डर से टिकट रद्द कराए जाने के मामलों में काफी बढ़ोत्तरी हुई है। अगर आप भी अगले कुछ दिनों में प्रस्तावित अपनी यात्रा को टालना चाहते हैं और ट्रेन टिकट रद्द करना चाहते हैं तो आपको कैंसलेशन से जुड़े चार्जेज की जानकारी बहुत जरूरी है। अगर आपने ई-टिकट किया है तो IRCTC की वेबसाइट से टिकट कैंसल करा सकते हैं।  


चार्ट बनने से पहले तक ग्राहक अपने रेल टिकट कैंसल करा सकते हैं। आइए जानते हैं रेलवे ट्रेन टिकट कैंसल करने पर ग्राहकों से कितने रुपये लेता हैः 


ट्रेन के डिपार्चर  के लिए निर्धारित समय से 48 घंटे पहले तक


 


  • ट्रेन चलने से 48 घंटे पहले टिकट कैंसल कराने पर स्लीपर क्लास के टिकट पर प्रति पैसेंजर 120 रुपये का चार्ज रेलवे वसूलता है। 

  • एसी थर्ड टियर पर यह चार्ज 180 रुपये का है।

  • वहीं, इस अवधि तक अगर आप एसी सेकेंड टियर का टिकट कैंसल कराते हैं तो प्रति पैसेंजर 200 रुपये का चार्ज लगता है।

  • एसी फर्स्ट क्लास का टिकट कैंसल कराने पर 240 रुपये का कैंसलेशन चार्ज लगता है।


यात्रा समय से 12 घंटे पहले तक


 

अगर आप लेट से टिकट कैंसलेशन के बारे में सोच रहे हैं तो आपके लिए यह जानना जरूरी है कि ट्रेन के चलने से 12 घंटे पहले तक किराये का 25% तक का चार्ज रेलवे वसूलता है। वहीं, 12 घंटे से लेकर चार्ट बनने से पहले अगर आप टिकट कैंसल करते हैं तो आपको किराये का 50 फीसद तक कैंसलेशन चार्ज के रूप में देना पड़ सकता है। 


कंफर्म तत्काल टिकट पर नहीं मिलता कोई रिफंड


यहां ध्यान देने वाली बात ये है कि कंफर्म तत्काल टिकट को कैंसल करने पर ग्राहकों को किसी तरह का रिफंड नहीं मिलता है। वहीं, अगर आपका टिकट चार्ट बनने पर RAC रह जाता है और आप सफर नहीं करते हैं तो रेलवे आपको तभी रिफंड देता है जब आप ट्रेन के डिपार्चर के निर्धारित समय के बाद आधे घंटे के भीतर टीडीआर फाइल करते हैं। RAC और वेटिंग टिकट को कैंसल करने पर रेलवे 60 रुपये+ जीएसटी लेता है